आजकल लगभग हर किसी के पास बैंक अकाउंट होता है। कुछ लोग केवल एक सेविंग अकाउंट पर निर्भर रहते हैं, लेकिन कई लोग अलग-अलग जरूरतों और ऑफ़र्स की वजह से एक से ज्यादा बैंक अकाउंट खोल लेते हैं। किसी के पास वेतन अकाउंट (Salary Account) होता है, तो किसी के पास सेविंग अकाउंट (Saving Account), फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) अकाउंट, बिज़नेस अकाउंट या फिर डिजिटल बैंकिंग अकाउंट।

लेकिन अगर आपके पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और सरकार ने कुछ नए नियम जारी किए हैं, जिनका सीधा असर मल्टीपल बैंक अकाउंट रखने वालों पर पड़ेगा।


🔑 मुख्य बातें (Key Highlights)

  • RBI और सरकार के नए नियम

  • एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखने के फायदे और नुकसान

  • KYC, इनकम टैक्स और डॉरमेंट अकाउंट से जुड़ी जरूरी बातें

  • किन अकाउंट को बंद करना चाहिए और किन्हें रखना चाहिए

  • ग्राहकों के लिए जरूरी सुझाव


1. क्यों बढ़ रही है मल्टीपल अकाउंट की जरूरत?

  • वेतन अकाउंट और सेविंग अकाउंट को अलग रखने से ट्रांजेक्शन आसान होता है।

  • बिज़नेस और पर्सनल अकाउंट अलग होने से टैक्स मैनेजमेंट आसान होता है।

  • अलग-अलग बैंकों के ऑफ़र, रिवॉर्ड्स और ब्याज दरों का फायदा मिलता है।

  • डिजिटल बैंकिंग और यूपीआई के दौर में कई लोग बैकअप अकाउंट रखना पसंद करते हैं।


2. एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखने के फायदे

✅ वेतन और सेविंग का अलग प्रबंधन
✅ ऑफ़र्स, कैशबैक और रिवॉर्ड्स का फायदा
✅ बिज़नेस और पर्सनल अकाउंट अलग-अलग
✅ आपातकाल में बैकअप अकाउंट
✅ बेहतर ब्याज दर और सुविधाएं


3. नुकसान भी समझ लें

❌ हर अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने का दबाव
❌ वार्षिक शुल्क, कार्ड चार्ज और SMS चार्ज
❌ बहुत सारे अकाउंट ट्रैक करना मुश्किल
❌ लंबे समय तक यूज़ न होने पर अकाउंट डॉरमेंट हो जाना
❌ टैक्स फाइलिंग में दिक्कतें


4. RBI और सरकार के नए नियम (2025)

🔹 (a) KYC अपडेट अनिवार्य

  • हर अकाउंट का KYC अपडेट होना जरूरी है।

  • गलत या अधूरी जानकारी पर अकाउंट ब्लॉक किया जा सकता है।

🔹 (b) इनकम टैक्स रिपोर्टिंग

  • बैंकों को बड़े ट्रांजेक्शन (10 लाख से ऊपर) की जानकारी IT विभाग को देनी होगी।

  • सभी अकाउंट्स की डिटेल्स टैक्स रिटर्न में देनी अनिवार्य है।

🔹 (c) डॉरमेंट अकाउंट्स पर सख्ती

  • 2 साल तक अकाउंट इस्तेमाल न होने पर उसे डॉरमेंट मान लिया जाएगा।

  • ऐसे अकाउंट्स का दुरुपयोग रोकने के लिए बैंक लगातार मॉनिटर करेंगे।

🔹 (d) अकाउंट कंसॉलिडेशन की सलाह

  • ग्राहकों को केवल जरूरी और कम अकाउंट रखने की सलाह दी गई है।

  • बैंक अब समय-समय पर ग्राहकों से अनावश्यक अकाउंट बंद करने को कह सकते हैं।

🔹 (e) UPI और डिजिटल पेमेंट नियम

  • एक मोबाइल नंबर पर कितने अकाउंट लिंक किए जा सकते हैं, इस पर नियंत्रण होगा।

  • OTP और डिवाइस वेरिफिकेशन को और मजबूत किया गया है।


5. सरकार की नजर क्यों है?

  • ब्लैक मनी और टैक्स चोरी रोकना

  • फर्जी अकाउंट और धोखाधड़ी पर लगाम

  • डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा बढ़ाना

  • लोगों की मेहनत की कमाई सुरक्षित रखना


6. क्या मल्टीपल अकाउंट रखना अब गैरकानूनी है?

➡️ नहीं, RBI ने एक से ज्यादा अकाउंट रखने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।
➡️ शर्त यह है कि हर अकाउंट का KYC और टैक्स रिपोर्टिंग सही हो।
➡️ अगर कोई अकाउंट गलत तरीके से खोला गया या छुपाया गया, तो सख्त कार्रवाई हो सकती है।


7. ग्राहकों के लिए जरूरी सुझाव

✔️ केवल जरूरी अकाउंट रखें, बाकी बंद कर दें।
✔️ हर अकाउंट का KYC अपडेट रखें।
✔️ सालाना स्टेटमेंट चेक करें।
✔️ मिनिमम बैलेंस वाले अकाउंट पर नजर रखें।
✔️ ITR भरते समय सभी अकाउंट डिटेल्स शामिल करें।


❓ एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखने से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ)

Q1. क्या एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखना गैरकानूनी है?

👉 बिल्कुल नहीं। RBI और सरकार ने कहीं भी यह नहीं कहा है कि मल्टीपल बैंक अकाउंट रखना गैरकानूनी है।

  • हर व्यक्ति अपनी जरूरत और सुविधा के अनुसार कई बैंक अकाउंट खोल सकता है।

  • लेकिन शर्त यह है कि हर अकाउंट का KYC अपडेट हो और टैक्स रिपोर्टिंग सही तरीके से की जाए।

  • अगर कोई अकाउंट गलत जानकारी के आधार पर खोला गया है या ब्लैक मनी छुपाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है, तभी यह कानूनन अपराध माना जाएगा।


Q2. RBI के नए नियम मल्टीपल अकाउंट वालों के लिए क्या कहते हैं?

👉 RBI ने कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं –

  • हर अकाउंट का KYC अपडेट होना चाहिए।

  • डॉरमेंट अकाउंट (2 साल तक उपयोग न होने वाले अकाउंट) पर निगरानी रखनी होगी।

  • बड़े ट्रांजेक्शन (10 लाख या उससे ज्यादा) की रिपोर्ट इनकम टैक्स विभाग को देना अनिवार्य है।

  • ग्राहकों को केवल जरूरी अकाउंट रखने की सलाह दी गई है ताकि धोखाधड़ी और टैक्स चोरी पर रोक लग सके।


Q3. अगर मेरे पास 4-5 बैंक अकाउंट हैं तो क्या मुझे उन्हें बंद करना होगा?

👉 नहीं, आपको सभी अकाउंट बंद करने की जरूरत नहीं है।

  • आप उतने अकाउंट रख सकते हैं, जितने आपकी जरूरत के लिए जरूरी हों।

  • लेकिन अगर आपके पास ऐसे अकाउंट हैं जिनका उपयोग लंबे समय से नहीं हो रहा, तो उन्हें बंद करना बेहतर है।

  • यह आपको मिनिमम बैलेंस चार्ज और डॉरमेंट अकाउंट की समस्या से भी बचाएगा।


Q4. डॉरमेंट अकाउंट क्या होता है?

👉 डॉरमेंट अकाउंट वह अकाउंट है जिसे लगातार 2 साल तक उपयोग नहीं किया गया हो

  • इसमें कोई लेन-देन (डिपॉजिट/विथड्रॉल) नहीं होता।

  • ऐसे अकाउंट धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का जरिया बन सकते हैं।

  • RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे अकाउंट्स की निगरानी करें और ग्राहकों को समय-समय पर अलर्ट भेजें।


Q5. क्या डॉरमेंट अकाउंट से पैसे निकाले जा सकते हैं?

👉 हां, बिल्कुल। डॉरमेंट अकाउंट से पैसे निकाले जा सकते हैं, लेकिन –

  • पहले KYC अपडेट करवाना होगा।

  • बैंक की शाखा में जाकर या ऑनलाइन वेरिफिकेशन पूरा करना पड़ सकता है।

  • इसके बाद अकाउंट फिर से एक्टिव हो जाएगा।


Q6. क्या इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में सभी बैंक अकाउंट की जानकारी देनी होती है?

👉 जी हां।

  • ITR भरते समय आपको सभी बैंक अकाउंट (चालू और सक्रिय) की जानकारी देनी होती है।

  • हालांकि केवल एक प्राइमरी अकाउंट का विवरण रिफंड के लिए देना होता है।

  • अगर आप किसी अकाउंट की जानकारी छुपाते हैं और उसमें बड़ा ट्रांजेक्शन मिलता है, तो टैक्स विभाग कार्रवाई कर सकता है।


Q7. अगर किसी व्यक्ति के पास 10 लाख से ज्यादा का ट्रांजेक्शन कई अकाउंट में है तो क्या होगा?

👉 RBI और इनकम टैक्स विभाग ने इसके लिए सख्त नियम बनाए हैं –

  • बैंक को ऐसे सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी इनकम टैक्स विभाग को भेजनी होती है।

  • अगर आपकी आय और खर्च का हिसाब मेल नहीं खाता, तो IT डिपार्टमेंट आपसे सफाई मांग सकता है।

  • इसलिए टैक्स फाइलिंग के दौरान सभी अकाउंट्स का रिकॉर्ड सही-सही देना बेहद जरूरी है।


Q8. क्या सभी बैंक अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस रखना जरूरी है?

👉 यह आपके अकाउंट के प्रकार और बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करता है।

  • जनधन अकाउंट, सैलरी अकाउंट और बेसिक सेविंग बैंक अकाउंट (BSBDA) में मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती।

  • लेकिन प्राइवेट बैंकों के नॉर्मल सेविंग अकाउंट्स में आमतौर पर ₹5,000 से ₹10,000 तक बैलेंस रखना पड़ता है।

  • मिनिमम बैलेंस न रखने पर बैंक चार्ज लगाता है।


Q9. क्या मल्टीपल बैंक अकाउंट रखने से CIBIL Score पर असर पड़ता है?

👉 सीधे तौर पर नहीं।

  • आपका CIBIL Score केवल आपके क्रेडिट अकाउंट्स (Loan, Credit Card, EMI) पर निर्भर करता है।

  • लेकिन अगर आप बहुत सारे बैंक अकाउंट्स मैनेज नहीं कर पाते और उनमें चार्जेस बकाया रह जाते हैं, तो अप्रत्यक्ष असर हो सकता है।


Q10. क्या RBI ने मल्टीपल अकाउंट्स को कंसॉलिडेट (जोड़ने) का सुझाव दिया है?

👉 हां।

  • RBI ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे केवल जरूरी अकाउंट रखें।

  • अनावश्यक और डॉरमेंट अकाउंट्स को बंद कर दें।

  • इससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी और पैसे का मैनेजमेंट आसान होगा।


Q11. अगर किसी के पास पुराने अकाउंट हैं जिनका इस्तेमाल नहीं होता तो क्या करना चाहिए?

👉 ऐसे अकाउंट तुरंत बंद कर देना चाहिए।

  • पुराने अकाउंट बंद करने से आपको चार्जेस से छुटकारा मिलेगा।

  • टैक्स रिपोर्टिंग आसान होगी।

  • धोखाधड़ी का खतरा कम होगा।


Q12. क्या एक ही मोबाइल नंबर से कई बैंक अकाउंट लिंक किए जा सकते हैं?

👉 जी हां, लेकिन RBI ने इसके लिए सुरक्षा उपाय सख्त किए हैं।

  • एक ही मोबाइल नंबर से कई अकाउंट लिंक करना संभव है, लेकिन OTP और डिवाइस वेरिफिकेशन जरूरी है।

  • यह धोखाधड़ी और अनधिकृत लेन-देन से बचाने के लिए किया गया है।


Q13. क्या सरकार मल्टीपल बैंक अकाउंट रखने वालों पर टैक्स ज्यादा लेगी?

👉 नहीं।

  • सरकार केवल आपकी कुल आय और ट्रांजेक्शन पर टैक्स लेती है।

  • कितने अकाउंट हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता।

  • फर्क केवल तब पड़ेगा जब आप अकाउंट छुपाते हैं या ब्लैक मनी रखते हैं।


Q14. क्या मल्टीपल बैंक अकाउंट रखना फायदेमंद है?

👉 हां, लेकिन केवल तब जब आप उन्हें सही तरीके से मैनेज कर सकें।

  • बिज़नेस और पर्सनल अकाउंट अलग रखना फायदेमंद है।

  • अलग-अलग बैंकों के ऑफर और ब्याज दरों का फायदा उठाया जा सकता है।

  • लेकिन बहुत ज्यादा अकाउंट रखने से ट्रैक करना मुश्किल और खर्च ज्यादा हो सकता है।


Q15. ग्राहकों को मल्टीपल अकाउंट्स मैनेज करने के लिए क्या करना चाहिए?

👉 कुछ आसान टिप्स –

  • केवल 2-3 जरूरी अकाउंट रखें।

  • हर अकाउंट का KYC अपडेट रखें।

  • ITR भरते समय सभी अकाउंट की जानकारी दें।

  • सालाना स्टेटमेंट चेक करें।

  • अनावश्यक अकाउंट्स को बंद कर दें।


8. निष्कर्ष (Conclusion)

आजकल मल्टीपल बैंक अकाउंट रखना आम बात है, लेकिन RBI और सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अब पारदर्शिता और सुरक्षा बेहद जरूरी है।

👉 अगर आपके पास 2-3 अकाउंट हैं और आप उन्हें एक्टिव रखते हैं, तो कोई दिक्कत नहीं है।
👉 लेकिन अगर आपके पास कई अकाउंट हैं और वे यूज़ नहीं हो रहे, तो उन्हें तुरंत बंद करना ही समझदारी है।

याद रखें – जितने कम और साफ-सुथरे अकाउंट होंगे, उतना आसान होगा आपका टैक्स मैनेजमेंट और पैसा सुरक्षित रहेगा।

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